आज रात्रि अर्थात् 21/22 दिसंबर 2022, को 3 बजकर 19 मिनट पर सूर्य अपनी परम दक्षिण क्रांति पर होगा । उसी समय से सूर्य उत्तरायण होना प्रारंभ हो जाएगा तथा हेमंत ऋतु समाप्त हो जाएगी तथा शिशिर ऋतु का प्रारंभ होगा । यही सूर्य की मकरसंक्रांति होती है । मकरसंक्रांति का का मूल तात्पर्य ही यही होता है कि जिस दिन सूर्य मकर रेखा के सीध में हो वहां उसकी किरणें लम्बवत पड़ें । वहां ग्रीष्म ऋतु का चरम हो । उन स्थानों पर दिन का मान वर्षभर में अधिकतम हो । तथा कर्क रेखा पर वर्षभर का सबसे छोटा दिन हो । उत्तरी गोलार्ध मे आज के दिन दिन का मान वर्ष भर में छोटे से छोटा होता है । उत्तरी ध्रुव पर आज के दिन मध्य रात्रि होगी । वहां सूर्यास्त 23 सितंबर को हुआ था और सूर्योदय 21 मार्च को होगा आज ठीक मध्यरात्रि होगी । और दक्षिणी ध्रुव पर आज मध्याह्न होगा ।
भ्रांतिवश हम मकरसंक्रांति 14/15 जनवरी को मनाते हैं जो लगभग 72 वर्षों में एक एक दिन आगे से आगे सरकती जा रही है । कोई समय ऐसा भी आएगा जव मनाने वाली मकर संक्रांति शिशिर ऋतु के समाप्ति के समय हो जाए । जिसे शिशिर के प्रारंभ में होना चाहिये वह उस ऋतु के अंत के समय आवे । ई.सन 285 में दोनों प्रकार की संक्रांतियां, सायन तथा निरयन मकरसंक्रांतियां, एक ही दिन हुआ करती थी। 1700 वर्षों में इसमें 24 दिनों का अंतर आ गया है । ज्योतिष वेत्ता एवं जनता इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं यह दुर्भाग्य है ।
पंडित जयंत रावल

jyotishganesha #jayantrawal