by Jayant.Rawal | Sep 16, 2025 | General
या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः, पापात्मनां कृतधियां हृदयेषुबुद्धिः। श्रद्धा सतांकुलजन प्रभवस्य लज्जा, तां त्वां नताः स्म परिपालय देवी विश्वम् ।। देवी पुण्यात्माओं के घरों में स्वयं ही लक्ष्मी रूप में, पापियों के यहां दरिद्रता रूप में, शुद्धान्तःकरण वाले...